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बंगाल में गृहयुद्ध के हालात बनाने वाले गद्दारों को बेनकाब कर सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर मारने के लिए देशभक्तों की भुजाएं फड़क रही हैं। क्षणिक शक्ति मिलते ही कसाई बनने वाले कायर रोहिंग्ये, शक्तिहीन होते ही कटोरा पकड़ भीख मांगने लगते हैं। इटालियन माईनो समर्थक ममता बनर्जी vs रोहिंग्या मोहिनी R-M ने चुनाव दौरान जो भड़काऊ भाषण दिये, क्यों नहीं दंगों में हुई हानि वसूलने के लिए उसका घर-सामान नीलाम करके 21 जनवरी 1793 को फ्रांस में लूई 16वें को पत्नी सहित दी गई फांसी की तरह ही R-M के दंगेबाजों को सुधारा जाए।

2 में से तुम्हे क्या चाहिए, कलम या कि तलवार,
मन में ऊँचे भाव कि, तन में शक्ति विजय अपार।
अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान,
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान।

800 वर्ष की गुलामी उपरांत आजादी मिलते ही 48 वर्ष तक चंडाल-चौकड़ी खानदानियों ने भारतीयों को गुलामी से ऊपर सोचने ही नहीं दिया। जनता का दिमाग संकुचित बनाकर बखान किया कि अंग्रेजों ने गांधी के 4 हथियार (अहिंसा, चरखा, बिन खड्ग बिन ढ़ाल, 3 बंदर) और नेहरू (JN) की "शांति" प्रभाव से आजादी दी थी।

विराट साम्राज्य का शासक बनते ही नेहरू की बांछें खिलने से पूरे विश्व को निमंत्रण दिया कि जो अच्छा लगे, मनमर्जी मुफ्त में लेकर, जो तुम्हारे पास कचरा है, छोड़ जाओ। कचरा रूपी पूर्वी पाक से घुसपेठिये, पश्चिमी से धारा 370 अनुसार कश्मीरी लड़की से शादी करने पर पाकिस्तानी, जिससे भारत की आबादी इतनी बढ़ जाये कि जमीन के नीचे Metro, सतह के अलावा ऊपर पुल बनाकर रेल। सड़े अमरीकी गेहूं, ताकि आबादी बढ़कर तेल आयात से कर्जा हो।

नेहरू (JN) ने वो माहौल बनाया कि लोग कहते थे कि JN के बाद कौन? इंदिरा द्वारा 1972 में बिन POK लिये, शर्णार्थी-रूपी घुसपेठिये निकाले बगैर 93000 युद्धबंदी छोड़ने पर समस्या जस की तस रहने से आतँक शुरू हुआ।

जनता से JN ने ऐसी श्रद्धा बनवाई कि राजीव के नाना को उसकी इच्छानुसार नवजात भी बाबा की बजाय चाचा बोलता था। 1962 में युद्ध हारने पर कामराज योजना के तहत 6 केन्द्रीय मंत्रियों व 6 मुख्यमंत्रियों से तो इस्तीफे लिए, लेकिन नेहरू मृत्युपर्यन्त PM बने रहा। 15 में 14 राज्यों का समर्थन सरदार पटेल पक्ष में होने के बावजूद नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया। जहाँ देखो, नेहरू प्लेस, नेहरू नगर, JNU, नेहरू मार्ग। जनता ने उसे इतना सम्मान दिया और उसके कारनामे :-

चन्द्रशेखर आजाद, शहीदे-आजम भगत सिंह को बचाने JN के पास गया। उसने अंग्रेजों को अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद का भेद देकर आजाद के साथ धोखा किया।
सत्ता लालसा में अंधा होकर PM नहीं बनाए जाने पर पार्टी विभाजन की धमकी दी, जिससे अंग्रेजों को आज़ादी टालने का मौका मिल जाता।

1962 युद्ध दौरान हथियार ला रहे जहाजों पर इजरायली झंडे स्वीकार नहीं किये, जिससे जहाज ही नहीं आये। ड्रामेबाज इतना कि लता मंगेशकर के गाने "ऐ मेरे वतन के लोगो" पर मगरमच्छी आंसू टपकाये।

जितनीे तबाही 800 वर्षों में मुगलों और अंग्रेजों ने की, आजादी मिलते ही उससे ज्यादा बर्बादी 800 दिनों में बापू-चाचा बनकर नेहरू-गांधी ने की। दोनों ने हिंदुओं को शांति और थप्पड़ मारने पर दूसरा गाल आगे करने की शिक्षा देकर भेड़ की तरह कायर बनाया। भेड़ की गर्दन काटने पर भी यही बोलती है कि यह मुझ पर उपकार है। आज पाक-परस्त दंगाई, बंगाल में हिंदुओं की उसी शराफत को कमजोरी मानकर माईनो-R-M बहकावे में दंगे कर रहे हैं।

बर्मा को कोको द्वीप तथा काबू वैली, चीन को अक्साई चिन के साथ सुरक्षा परिषद सदस्यता, पाक को सिंधू जल, ग्वादर बंदरगाह, POK के रूप में 1/3 कश्मीर तथा बँगाल का सिलहट जिला इत्यादि भेंट दिया।




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